हंसा भीजम पातु ह्रुधिह सोहम रक्शतु पाधयो जले तत्पुरुषः पातु स्थले पातु गुरुः सदा ॐ ह्रीं चण्डभैरवः पातु वक्त्रं कण्ठं श्रीक्रोधभैरवः । इसका जप कवच से पहले और बाद में ११ या २१ बार करें ॥ The depiction of this kind may well appear at odds Along with the https://get-social-now.com/story1873333/top-latest-five-bhairav-kavach-urban-news